महाबोधि मंदिर की कहानी — एक सभ्यता का उत्थान और पुनर्जागरण (The Story of Mahabodhi Temple — A Saga of Civilization, Destruction, and Revival) 🔱 प्रस्तावना (Prologue): बोधगया (Bodh Gaya), बिहार की पवित्र भूमि, जहां एक राजकुमार सिद्धार्थ ने तपस्या के बाद बुद्धत्व प्राप्त किया, वहीं खड़ा है महाबोधि मंदिर — न केवल बौद्ध धर्म का प्रतीक, बल्कि भारत की सहिष्णुता, संस्कृति और पुनर्जागरण की कहानी भी। 🕉 प्राचीन आरंभ — सम्राट अशोक का स्वप्न ईसा पूर्व 3वीं शताब्दी में, जब सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया, तो उन्होंने उस स्थान को पहचान लिया जहां सिद्धार्थ गौतम को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। अशोक ने वहीं पर एक भव्य स्तूप और एक मंदिर का निर्माण करवाया — यह था महाबोधि मंदिर का आरंभ। यह मंदिर ईंटों से बना था, और अपने समय की अनूठी स्थापत्य कला का प्रतीक था। 🔥 हमला और विनाश — जब बोधगया खामोश हो गया 13वीं शताब्दी में, बख्तियार खिलजी के नेतृत्व में तुर्क आक्रमणकारियों ने बिहार और बंगाल में बौद्ध मठों और मंदिरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। नालंदा,...
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