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प्रश्न: हिंदी कहानी की आलोचना के परंपरागत और आधुनिक दृष्टिकोणों का वर्णन कीजिए।

  🔷 प्रस्तावना – आलोचना का महत्व हिंदी साहित्य में आलोचना केवल कमियाँ निकालने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह रचना को समझने, परखने और उसके गुण-दोषों को उजागर करने की एक गहराईपूर्ण विधा है। कहानी एक महत्वपूर्ण साहित्यिक विधा है और इसकी आलोचना भी समय के साथ बदलती रही है। हिंदी कहानी की आलोचना में परंपरागत और आधुनिक दोनों दृष्टिकोणों का योगदान रहा है। ये दृष्टिकोण कहानी को अलग-अलग स्तरों पर समझने में सहायक होते हैं। 🔷 परंपरागत आलोचना की भूमिका हिंदी कहानी की प्रारंभिक आलोचना परंपरागत साहित्यिक मापदंडों पर आधारित थी। यह आलोचना शैली मुख्यतः नैतिकता, आदर्शवाद और सामाजिक मर्यादा के मानकों पर केंद्रित थी। प्रेमचंद जैसे लेखकों की कहानियों को आलोचक इस दृष्टि से देखते थे कि वे समाज के प्रति कितने उत्तरदायी हैं और उनका उद्देश्य क्या है। परंपरागत आलोचना के केंद्र में ‘क्या कहा गया है’ यह महत्वपूर्ण होता था, ‘कैसे कहा गया है’ यह कम। 🔷 नैतिकता और उद्देश्यपूर्णता पर जोर परंपरागत आलोचना यह मानती थी कि साहित्य और विशेषतः कहानी का उद्देश्य समाज को सुधारना है। इसीलिए आलोचक कहानी में नैतिक शिक...

प्रश्न: कहानी का अर्थ क्या है? उसके स्वरूप की व्याख्या कीजिए

कहानी का परिचय कहानी मनुष्य के जीवन का वह अभिन्न हिस्सा है, जो आदिकाल से ही उसकी भावनाओं, कल्पनाओं, अनुभवों और विचारों को अभिव्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम रही है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवन की किसी घटना, अनुभूति या कल्पना को सुनाने या लिखने की कोशिश करता है और उसमें पात्र, स्थान, समय, घटना और भावनाएँ सम्मिलित होती हैं, तो वह कहानी कहलाती है। कहानी केवल मनोरंजन का साधन नहीं होती, बल्कि यह समाज, संस्कृति और मनुष्य की आत्मा को समझने का माध्यम होती है। कहानी का अर्थ कहानी का सबसे सामान्य अर्थ होता है – किसी घटना या अनुभव का ऐसा विवरण जो श्रोताओं या पाठकों को कुछ सोचने, समझने या महसूस करने के लिए प्रेरित करे। कहानी में किसी एक विषय या उद्देश्य के इर्द-गिर्द पूरी रचना बुनी जाती है। इसमें कल्पना भी होती है, यथार्थ भी होता है, और एक निश्चित आरंभ, मध्य और अंत भी होता है। परंपरागत रूप से कहानियाँ मौखिक रूप से कही जाती थीं। दादी-नानी की कहानियों से लेकर लोककथाओं तक, हर जगह जीवन की गहराइयों को कहानी के माध्यम से समझाया जाता रहा है। कहानी का साहित्यिक रूपांतरण जैसे-जैसे साहित्य का विकास हुआ, ...