प्रश्न: धीरेन्द्र वर्मा की मौलिक समीक्षात्मक कहानी उत्तर: (लगभग 1200 शब्दों में , सरल भाषा में , शीर्षकों सहित अनुच्छेदों में) 🔷 परिचय – हिंदी आलोचना और धीरेन्द्र वर्मा का योगदान हिंदी साहित्य में कहानी के विकास और आलोचना की प्रक्रिया में कई विद्वानों ने अहम भूमिका निभाई है। बीसवीं शताब्दी के पहले चरण में जब हिंदी कहानी एक नई विधा के रूप में आकार ले रही थी , तब इसके सिद्धांत और स्वरूप को लेकर गहरे विचार नहीं हुए थे। उस समय धीरेन्द्र वर्मा जैसे विद्वानों ने कहानी के मूल्यांकन , समीक्षा और उसकी मौलिकता को रेखांकित किया। धीरेन्द्र वर्मा हिंदी साहित्य के उन अग्रणी आलोचकों में हैं जिन्होंने कहानी को केवल भावात्मक लेखन न मानकर उसमें चिंतन , तर्क और कला की आवश्यकता को भी समझा और रचनात्मक आलोचना को जन्म दिया। 🔷 धीरेन्द्र वर्मा का परिचय धीरेन्द्र वर्मा ( 1897–1973) हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार , आलोचक , भाषाविज्ञ और इतिहासकार थे। वे भाषा , साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में बहुमूल्य कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने न केवल आलोचना लिखी , बल्कि साहित्यिक वि...
Preparation for Competitive exams SSC RAILWAY